Narazgi Shayari in Hindi

By - Ek Hindi Shayari

खूब बदला लेते हो मेरे प्यार का, नाराज़ होकर बात बात पर।

आज कल एक ख़ामोश आवाज़ हूँ मैं, क्योंकि खुद से ही नाराज़ हूँ मैं।

ख़ुशी की तलाश में घर से थे निकले, चार गम लेकर वापस लौटे हैं।

बेशक़ मुझपे गुस्सा करने का हक है तुम्हें मगर नाराज़गी में हमारा प्यार मत भूल जाना तुम।

होके नाराज़ कहाँ जाओगे, लौट का एक दिन मेरे पास ही तो आओगे।

सूख जाते हैं मेरी आँखों के आँसू भी, तुम्हारी नाराज़गी मेरी जान लेकर रहेगी किसी दिन !!

इससे बुरे और क्या दिन आएंगे, वो हमसे इतने नाराज़ पेश आएंगे।

मेरा प्यार औरों जैसा नहीं, तुम नाराज़ होते रहो, मेरा प्यार और बढ़ता जाएगा।

नोच खा जाती है चिंता मुझे तुम्हारी, जब जब तुम नाराज़ होकर मुझसे बात नहीं करते हो।

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By - Ek Hindi Shayari

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